रूह और पानी से ...जो भी पैदा होते हैं
आस्मां की बादशाही में...
दाखिल तो वो ही होते हैं
रूह और पानी से ...
१. पैदा जो जिस्म से हुआ ..वो तो जिस्मानी है ..
रूह से जो पैदा होते हैं ..वो तो रूहानी होते हैं ..
रूह और पानी से ...
२. मैं तुम्हें सच कहता हूँ ..जिसे हम जानते हैं ..
जिसको हमने देखा है ..उसी की गवाही देते हैं ..
रूह और पानी से ...
१. पैदा जो जिस्म से हुआ ..वो तो जिस्मानी है ..
रूह से जो पैदा होते हैं ..वो तो रूहानी होते हैं ..
रूह और पानी से ...
२. मैं तुम्हें सच कहता हूँ ..जिसे हम जानते हैं ..
जिसको हमने देखा है ..उसी की गवाही देते हैं ..
रूह और पानी से ...
३. कोई चढ़ सकता नहीं ..आसमान के ऊपर ..
वो ही आसमान पे जाते हैं ..येशु में जो मरते हैं ..
रूह और पानी से ...
४. येशु के कलाम को जो भी..
वो ही आसमान पे जाते हैं ..येशु में जो मरते हैं ..
रूह और पानी से ...
४. येशु के कलाम को जो भी..
सुनता और अमल करता है ...
मौत से निकल कर वो ही ...
मौत से निकल कर वो ही ...
ज़िन्दगी में दाखिल होते हैं ...
रूह और पानी से ...
५. खुदा का गज़ब पतरस ..उन पर हमेशा रहता है
ज़िन्दगी को देखते नहीं ..येशु से दूर रहते हैं ..
रूह और पानी से ...
रूह और पानी से ...
५. खुदा का गज़ब पतरस ..उन पर हमेशा रहता है
ज़िन्दगी को देखते नहीं ..येशु से दूर रहते हैं ..
रूह और पानी से ...
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